( दो बेटियों की गर्वान्वित मां की बेटियों के लिए प्यार भरी भेंट )
चाहती हूं हर लड़की को देखूं
किरण बेदी की तरह अपने इरादों की पक्की
चाहती हूं देखूं हर लड़की में
मदर टेरेसा जैसा इन्सानियत के लिए सेवा भाव
चाहती हूं देखूं हर लड़की को
कल्पना चावला की तरह तारों को छूते हुए
चाहती हूं देखूं हर लड़की में
ऐश्वर्या की सुन्दरता और हुनर
चाहती हूं देखूं हर लड़की को
बचेन्द्री पाल की तरह पर्वत श्रृंखलाओं को जीतते हुए
चाहती हूं देखूं हर लड़की में
मल्लिका साराबाई की तरह नाचते हुए
चाहती हूं देखूं पनपती हर लड़की में
अरूणधति राय जैसी काल्पनिक सोच
चाहती हूं देखूं हर लड़की को
लता की तरह गाते हुए
चाहती हूं देखूं हर लड़की में
लक्ष्मीबाई जैसा लड़ने का साहस
चाहती हूं पाऊं हर लड़की में
सानिया मिर्जा जैसे कुछ कर दिखाने का जुनून
लेकिन उससे पहले मैं
चाहती हूं देखूं हर मां-बाप को
बेटी पैदा होने पर गर्व करते हुऐ ।